भारत और नेपाल ने आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किये:


नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा के भारत दौरे पर 24 अगस्त 2017 को दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हुए। कुल आठ एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। समझौते के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने नेपाल और भारत के रिश्तों की बेहतरी के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। साथ ही कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते हिमालय से भी पुराने हैं।
अपने संबोधन में मोदी ने हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या को दूर करने के लिए साथ में कदम उठाए जाने की बात कही। साथ ही नेपाल में आई बाढ़ के लिए भारत की तरफ से हर मुमकिन मदद करने का भी आश्वासन दिया। मोदी ने यह भी उम्मीद जताई कि नेपाल में बनने वाला संविधान सभी वर्गों को ध्यान में रखकर तैयार होगा।
प्रमुख समझौते:
भारत ने नेपाल में अप्रैल 2015 को आए भूकंप के बाद पुनर्निर्माण कार्यो के लिए एक अरब डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई थी। नेपाल में 50,000 घरों के पुनर्निर्माण में मदद के लिए आवास अनुदान, शिक्षा, सांस्कृतिक विरासत और स्वास्थ्य क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच चार समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुए।
एक अन्य एमओयू भारत के अनुदान से एशियाई विकास बैंक के दक्षिण एशिया उपक्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (एसएएसईसी) सड़क संपर्क कार्यक्रम के तहत मेची पुल के निर्माण के लिए लागत साझा करने और सुरक्षा मुद्दों के क्रियान्वयन को लेकर हुआ।
छठा एमओयू नशाखोरी रोकथाम के तहत नार्कोटिक्स ड्रग्स, साइकोट्रॉपिक पदार्थो व अन्य रासायनिक पदार्थो की तस्करी रोकने को लेकर हुए। सातवां एमओयू इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ नेपाल के बीच सहयोग को लेकर हुआ।
दोनों पक्षों के बीच मानकीकरण आकलन के क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी समझौता हुआ।

टिप्पणी:
नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा पांच दिवसीय भारत यात्रा पर 23 अगस्त 2017 को नई दिल्ली पहुंचे। जून 2017 में पदभार संभालने के बाद यह उनका पहला विदेशी दौरा है। इस समय यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यूंकि डोकलाम संकट के कारण चीन नेपाल को भारत के खिलाफ खड़ा करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। वर्तमान समय में भारत सरकार की कूटनीति एवं विदेश नीति की परीक्षा की घड़ी है। भारत सरकार नेपाल से पिछले कई वर्षों से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की पूरी कोशिश कर रही है। इस प्रयास में नेपाली प्रधानमंत्री का यह दौरा एक अच्छा अवसर है।

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