भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जनवरी 2018 को देश के विभिन्न भागों से चुने गए 18 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्रदान किए।
इन बालकों का चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) ने देश भर से इस सम्मान के लिए किया था।
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार योजना की शुरुआत आईसीसीडब्ल्यू ने 1957 में की थी, जिससे उन बच्चों को पहचान दी जा सके जिन्होंने अपने असाधारण वीरता भरे कार्यो और सराहनीय सेवा से खुद को अलग साबित किया है।
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष बुलंद हौसले और अदम्य साहस रखने वाले बहादुर बच्चों को दिया जाता है।
इन बच्चों की उम्र 06 साल से लेकर 18 वर्ष के बीच होती है। इस साल कुल 18 बच्चों को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार से नवाजा जायेगा, जिसमें 7 लड़कियां और 11 लड़के शामिल हैं।
राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार में पांच श्रेणियां शामिल हैं:
- भारत पुरस्कार 1987 से
- संजय चोपड़ा पुरस्कार 1978 से
- गीता चोपड़ा पुरस्कार 1978 से
- बापू गायधनी पुरस्कार 1988 के बाद से
- सामान्य राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार 1957 से
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2018 विजेताओं की सूची:
भारत पुरस्कार:
- नाजिया (उत्तर प्रदेश)
गीता चोपड़ा पुरस्कार (मरणोपरांत):
- एम. चव्हाण (कर्नाटक)
- एफ. लालछंदमा (मिजोरम)
- लौकरापाम राजेश्वरी चानू (मणिपुर)
संजय चोपड़ा पुरस्कार:
- करणबीर सिंह (पंजाब)
बापू गैधानी पुरस्कार:
- बेत्शवाजॉन पीनलांग (मेघालय)
- ममता दलाई (ओड़िशा)
- सेब्सटियन विसेंट (केरल)
पुरस्कार के लिए चुने गये अन्य बच्चों की सूची:
- लक्ष्मी यादव (रायपुर, छत्तीसगढ)
- मानसा एन (नागालैंड)
- एन शांगपोन कोनयक
- योकनी
- चिंगाई वांगसा
- समृद्धि सुशील शर्मा (गुजरात)
- जोनुनलुआंगा (मिजोरम)
- पंकज सेमवा (उत्तराखंड)
- नदाफ एजाज अब्दुल राउफ (महाराष्ट्र)
- पंकज कुमार महंत (ओड़िशा)
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